मंगलवार को कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में घोषणा की कि आगामी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस 40 % टिकट महिलाओं को देगी। लखनऊ में प्रेस वार्ता सम्बोधित करते हुए प्रियंका गाँधी ने कहा:
“ये निर्णय उत्तर प्रदेश की हर एक महिला के लिए है, अगर देश को समता की राजनीति की ओर ले जाना है, भागीदारी की राजनीति की ओर ले जाना है, तो महिलाओं को आगे बढ़ना पड़ेगा।”
प्रियंका गांधी वाड्रा, महासचिव – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2011 जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी 47.85% है। गौरतलब है की 2017 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अधिक संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जहाँ एक तरफ महिलाओं का वोट प्रतिशत 63.26% रहा तो वहीं पुरुषों का वोट प्रतिशत 59.43% रहा। ऐसे में, आधी आबादी राजनीतिक हवा को तय करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
वर्तमान में उत्तरप्रदेश विधान सभा में कुल 403 सीटे हैं जिसमें 44 सीटों पर महिला विधायक काबिज़ हैं। अगर कांग्रेस पार्टी सभी सीटों से अपने उम्मीदवार उतारती है तो लगभग 160 महिलाएँ उम्मीदवार होंगी।
“2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अचानक बड़ी पार्टियों ने महिला उम्मीदवार को पहले की तुलना में ज़्यादा टिकट दिए थे -भाजपा ने सबसे अधिक 44, कांग्रेस तथा सपा ने 37 और बसपा ने 32 महिला उम्मीदवार को चुनाव में टिकट दिए। भाजपा ने सबसे अधिक 46 महिलाओं को 2017 में अपने पार्टी का उम्मीदवार बनाया जिसमें से 36 चुनाव जीतकर आयीं।”
– आशीष कुमार (चुनाव विश्लेषक)
अभी उत्तर प्रदेश की कुल और पश्चिम बंगाल में भी उत्तर प्रदेश के बराबर 44 महिला विधायक हैं; यह देश में सर्वाधिक है।
हालांकि इस देश में महिलाएँ अनेक मौकों पर सरकार में उच्च पदों तक पहुँची हैं। श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री और श्रीमती प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति भी रही हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमन ने भी रक्षा और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं। वर्तमान में देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री सुश्री ममता बैनर्जी हैं, जो लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुई हैं। ममता बैनर्जी बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। इन सबके बावजूद महिला विधायकों के आंकड़ो पर नज़र डालने पर हैरान करने वाले तथ्य सामने आते हैं। देश के कुल 3917 विधायकों में सिर्फ 340 महिला विधायक हैं, यानि लगभग 8.68 प्रतिशत। देश की महिला आबादी लगभग 57.97 करोड़ है, इसके सापेक्ष महिला विधायकों का अनुपात प्रति करोड़ 6 से भी कम है।
विधायकों की संख्या के आधार पर पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान और बिहार में 26-26 महिला विधायक हैं। पाँचवे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहाँ सदन में 24 महिला विधायक हैं।
कुल विधानसभा सीटों के सापेक्ष छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 15.56 प्रतिशत महिला विधायक हैं। प्रतिशत में दूसरे नंबर पर गुजरात है, जहाँ 14.29 प्रतिशत महिला विधायक हैं। उसके बाद पश्चिम बंगाल में 14.15 प्रतिशत और राजस्थान में 13 प्रतिशत महिला विधायक हैं।
महिला आबादी के मुकाबले विधायकों का अनुपात सबसे ज्यादा उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम(1.05 प्रति लाख) में है। 32 सीटों वाली सिक्किम विधानसभा में 3 महिला विधायक हैं। हैरान करने वाला आंकड़ा दो अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों नागालैंड और मिज़ोरम का है, जहाँ क्रमशः 60 और 40 विधायकों में कोई महिला नहीं है।
इन्फोग्राफिक: मिताली सोनी
डाटा संयोजन: जेंडर वर्टीकल (दी वॉइसेस) *(सभी आंकड़ें राज्यों में पिछले विधान सभा चुनाव के आधार पर
जनसँख्या – 2011 जनगणना के आधार पर)
संपादक: एन. के. झा
1 Comment
A very nice story about a big stepping up towards women empowerment.
Shijju Sir!
Congratulations
Almighty bless,
Neel