दिल्ली: भारतीय सभ्यता के सांस्कृतिक, आर्थिक, एवं सामाजिक विकास में, नदियों का अप्रतिम महत्व रहा है। ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि नदियों ने एक विशेष भौगोलिक परिवेश को ही नहीं, बल्कि संस्कृतियों को अपनी समृद्धता से सींचा है। भारत में नदियों को देवी मानकर पूजा जाता रहा है। लेकिन मौजूदा दौर में भारत की कई बड़ी नदियों का जल, पीने तो दूर स्नान करने योग्य भी नहीं रह गया है। बीते वर्षों में दिल्ली की यमुना नदी के जल के गुणवत्ता मानकों में भीषण गिरावट दर्ज की गयी। गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी, यमुना, की दिल्ली में पल्ला…