गत माह, 23 अक्टूबर को केशव सूरी फाउंडेशन ने होटल द ललित, नई दिल्ली में मीडिया पेशेवरों के लिए जेंडर क्वेरिंग कार्यशाला की मेज़बानी की। इस कार्यशाला में मीडिया पेशेवरों को जेंडर स्पेक्ट्रम की विविधता का परिचय दिया गया और साथ ही लैंगिक सन्दर्भों में अनेकों भ्रांतियां, पूर्वाग्रहों पर व्यापक परिचर्चा हुई। परिचर्चा का उद्देश्य मीडिया कर्मियों को समाज की लैंगिक संरचना में उभरते आयामों से परिचित कराना था। मानवाधिकार शुरू से ही इस तथ्य पर आधारित है कि सभी लोगों को समान बनाया गया है। लिंग के द्वारा लोगों की पहचान करना उन प्रमुख कारकों में से एक है…
Author: Imran Khan
सत्तारूढ़ जनता दल की विधानसभा उपचुनावों में जीत जीत, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की घर वापसी, और भाजपा जदयू सत्ता संतुलन से पोषित बिहार की राजनीतिक गहमा गहमी के बीच बिहार में पंचायती चुनाव जारी हैं। इस बार को खास बात ये है कि इस बार पंचायत चुनाव में केवल वोट देने का प्रतिशत ही नहीं बढ़ा बल्कि चुनावी मैदान में उतरने और जीतने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। महिला आरक्षित सीटों से इतर गैर आरक्षित सीटों पर भी अधिक संख्या में महिला उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना और विजय प्राप्त करना राज्य में सुर्खियों बटोर रहा…
एक अरसे से दबी-कुचली, मुसाफ़िर औरतक़ैदी ओ’ कुश्ता, ओ’ रंजीदा, ओ’ मुज़तर औरत। जिन निग़ाहों में थी, तलवार भी इमराह पे हराम , आ गई उनके मुक़ाबिल लिए लश्कर औरत। उठ के ख़ुद आएंगी, अब राहें क़दम बोसी कोअब निकल आई है, दरवाज़े से बाहर औरत। तुम हो बस तंग नज़र, तूबा तलक देखते होजाएगी देख, जहाँ उससे भी ऊपर औरत। कोई अब, जिन्सी तवातिर नहीं मंगताओं मेंजिस तरफ डालो नज़र, पाओ तवांगर औरत। देखने वालों, की ये हुस्न ए’ नज़र ने देखाजिस जगह पहुँची, दिखाई पड़ी बेहतर औरत। इल्म साज़ी कि क़यादत, कि सहाफ़त, कि निज़ामसारी नालेंन…
NFHS- 2019 2020 में कई राज्यों के आंकड़े उत्साहवर्धक अवश्य हैं परंतु कई राज्यों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जिसमें मासिक धर्म से संबंधित मिथकों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता । हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 5 (NFHS 5) में महावारी अपशिष्ट निबटान और स्वच्छता पर आधारित आंकड़े गौर करने योग्य हैं। सर्वेक्षण के अनुसार भारत के शहरी और ग्रामीण इलाकों में महावारी प्रबंधन के सुरक्षित विकल्पों के प्रयोग में 10% का अंतर है। जहां भारत के शहरी क्षेत्रों में 89.51% महिलाएं महावारी प्रबंधन…
21 वर्षीय मरियम और उनकी सहेली तमन्ना बुलंदशहर से दिल्ली आना बहुत पसंद करती हैं। चांदनी चौक उनकी घुमक्कड़ी का पसंदीदा ठिकाना है। हालिया दिनों में वहां हुए पुनर्विकास के कार्य ने उनके अनुभव को और बेहतर बनाया है। मरियम बताती हैं “हमको सबसे अच्छा चांदनी चौक लगता है, मगर यहां के शोर शराबे की वजह से हम यहां आने से कतराने लगे थे। पर हम लॉक डाउन के बाद जब यहां आए तो यहां का माहौल और रेनोवेशन देख कर दंग रह गए। हमें यकीन नहीं हुआ कि ये वही पुराना चांदनी चौक है जहाँ की तंग गलियों से…
पिछले कई वर्षों से समलैंगिक समाज अपने अधिकारों की कानूनी लड़ाई में उम्मीद के सूरज की लुका छिपी देखता रहा है। जनवरी में समलैंगिक विवाह के लिए आधिकारिक मान्यता की मांग करने वाली याचिकाओं पर बहस करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को अपना पक्ष दायर करने के लिए अंतिम अवसर दिया था। उसी संदर्भ में 25 फरवरी 2021 को, केंद्र सरकार ने याचिकाओं का विरोध करते हुए एक हलफनामा दायर किया।केंद्र ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि समलैंगिक लोगों के बीच विवाह को एक निजी संबंध के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती क्योंकि…
23 वर्षीय रूबी ट्रांसजेंडर समुदाय से सम्बन्ध रखती हैं। हाल ही में रूबी ने दिल्ली के नामचीन कॉलेज में दाख़िला लिया, लेकिन परिस्थितियाँ उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिलीं। “मैंने बहुत कठिन प्रक्रिया से गुज़र कर दाखिला लिया। मगर एक हफ्ते के भीतर ही मुझे लगने लगा, कि मेरी वही ज़िन्दगी बेहतर थी, जो चारदीवारी में गुज़र रही थी। कॉलेज में स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स का बर्ताव भी बहुत तकलीफदेह रहा। मैं डिप्रेशन की मरीज़ बन चुकी हूँ।” – रूबी (द वॉइसेस से बातचीत के दौरान) सरकार व न्यायपालिका उदार लेकिन समाज नहीं इस प्रकार की त्रासदी से गुज़रने वालों…