Author: MAMTABANSAL

भारत माता के चरणों का फूल क्यों मुरझा रहा है? उन्नति की दौड़ में वो अपनों से क्यों पिछड़ रहा है? माला के मोती जैसे, बंग सागर में बिखरे से दिखते हैं , ऊँचे लाइट हाउस, हर चुनौती पे पहरेदार से दिखते हैं। कितने नाम लूँ जिनके खून ने, असंभव को संभव बना दिया, इतिहास के ‘काले पानी’ को, दूध सा पावन बना दिया। प्रभु राम पहुंचे थे, वानर सेना के साथ छुड़ाने, तब राक्षसों की कैद में माँ जानकी थी, नेता जी पहुंचे, आज़ाद हिन्द फ़ौज के साथ छुड़ाने, तब राक्षसों की कैद में माँ भारती थी। मृग, खरगोश…

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