द्वारा : पियूष गौतम ना करना तुम शोक ना आँसू ना क्रोध। है जीवन ये कर्मों का जीवन के ऋण…
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पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण ,चारों दिशाओं में महान।यह है मेरा भारत देश ।।सभ्यता संस्कृति परमार्थ,विभिन्नता में भी सौहार्द ।यह…
The nights were cold The days seemed dull I knew I was awaken But still December was surreal Every morning…
बिगड़ जाओ तमन्नाओं, इजाज़त दे रहा हूं…कब तक शरीफ बन कर , पिंजरे में कैद रहोगे?तुम मासूम हो, ये बता…
मैं थक चुकी हूँ भागते भागते, दो पल अभी मुझे रुकना है। खुद के विचारों को अब मुझे इस मेज़…
The wooden long desk,on top stands,a table lamp so oldand a pen stand so bold.Oh, you expected the feather and…
और नहीं आई अबकेवो पोटरी…नहीं आयेपोखर के मखानधातरिन का आचारचरौड़ और खुमरौर के फूल…ठेकुआ , मालपुआया निमकी…हरे तीखी गंध वाले…