संसद के हालिया सत्र में, मोदी सरकार ने बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया, जिसमें महिलाओं के लिए शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल की गई थी। अध्ययनों के अनुसार कम उम्र में विवाह भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, इसलिए कानूनी उम्र बढ़ने से युवा दुल्हनों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की संभावना कम हो जाएगी। भारत में दुनिया में सबसे अधिक बाल वधुएँ हैं, यूनिसेफ का अनुमान है कि भारत में 47% लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। राजस्थान का उत्तरी क्षेत्र इस राष्ट्रीय…
Author: Mittu Singh
मौजूदा दौर में सामजिक जीवन की लैंगिक रूपरेखा ‘पुरुष’ और ‘महिला’ से आगे बढ़ चुकी है। अपनी सक्रियता और सहभागिता से एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय सामाजिक संरचना की परिभाषा को एक विस्तार देने में कामयाब रहा है। भारत में भी 6 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को अपराध की श्रेणी से बाहर किया। इसके बाद एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय के अधिकारों पर परिचर्चाओं ने एक व्यापक रुख अख़्तियार किया। नवंबर 2019 में भारतीय संसद ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक भी पारित किया जिसके तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तीकरण के लिये एक कार्य प्रणाली की संरचना…
कोरोना महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्या एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आयी है। इस बीमारी ने लोगों को शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी कमजोर किया है। 10 अक्टूबर 2020 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार लगभग 7.5 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी मानसिक विकार से पीड़ित हैं और इस वर्ष के अंत तक लगभग 20 प्रतिशत भारतीय लोगों के मानसिक बीमारियों से पीड़ित होने की सम्भावना है। आंकड़ों के अनुसार, 56 मिलियन भारतीय अवसाद से पीड़ित हैं और अन्य 38 मिलियन भारतीय चिंता विकारों से पीड़ित हैं। कोरोना काल के…
कोविड-19 महामारी से एक वैश्विक संकट पैदा हो गया है। अचानक से आई इस आपदा के लिए कोई तैयारी नहीं थी। महामारी रोकथाम की नीतियों में भिन्नता, लॉकडाउन, काम और आश्रय की हानि, अस्पतालों में रोगियों की अचानक बढ़ती भीड़, बंद शैक्षणिक संस्थान और ऐसे अन्य व्यवधानों ने मानव जीवन के विकास और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन वजहों से महामारी के इस दौर में मानसिक रोगीयों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई। मानसिक स्वास्थ्य के संकट से किसी भी आयु अथवा वर्ग के लोग अछूते नहीं रहे।संघर्ष के स्वरदी वॉइसेस ने कोविड महामारी…
The second COVID-19 wave has struck the nation with an unanticipated pace. On Friday, 7th May 2021, India reported over 4 lakh cases for second straight day. Reported daily death toll of 3,915 was an all-time high. An unprecedented rise in demand for Beds, Oxygen, and Remdesivir has posed an extraordinary challenge to cadres involved in public health management. Concerns related to the same have necessitated judicial intervention which has been no less than activism. Be it Supreme Court (SC) or various high courts (HC’s), their routine interventions have augmented and refined the strategic and logistical support in the handling of the second wave. The Supreme Concerns …