बहता पानी पोखर बारिश
याद आए वो झर-झर बारिश
रंंज, खुशी, ग़म, जज़्बात बहे
गुज़री दिल को धोकर बारिश
बाहर आलम ख़ुश्क़ पड़ा है
बरसे मेरे अंदर बारिश
मुफ़लिस की हिम्मत पर भारी
इक टूटी छत उस पर बारिश
आँखों में छुप गई हो जैसे
इन पलकों को छूकर बारिश
बहता पानी पोखर बारिश
याद आए वो झर-झर बारिश
रंंज, खुशी, ग़म, जज़्बात बहे
गुज़री दिल को धोकर बारिश
बाहर आलम ख़ुश्क़ पड़ा है
बरसे मेरे अंदर बारिश
मुफ़लिस की हिम्मत पर भारी
इक टूटी छत उस पर बारिश
आँखों में छुप गई हो जैसे
इन पलकों को छूकर बारिश